जिसे आज़म वफ़ा दी ख़ूब दिल से मुहब्बत में गया दे मात प्यारे। जिसे आज़म वफ़ा दी ख़ूब दिल से मुहब्बत में गया दे मात प्यारे।
मेरे सेंटा मेरे पापा साथ हर दिन निभाते हैं रात हो या दिन मेरी हर मुस्कराहट की खातिर मेरे सेंटा मेरे पापा साथ हर दिन निभाते हैं रात हो या दिन मेरी हर मुस्कर...
छोड़ो भी आज़म से ये करने अब गिले यूं मुहब्बत में ही दिल जलाओ नहीं। छोड़ो भी आज़म से ये करने अब गिले यूं मुहब्बत में ही दिल जलाओ नहीं।
बाँस की हँस कर दोहरी होती टहनियाँ,जब बाँसुरी बन सजती हैं,कहती हैं व्यथा बिछोह की,किसी गडरिये के होठो... बाँस की हँस कर दोहरी होती टहनियाँ,जब बाँसुरी बन सजती हैं,कहती हैं व्यथा बिछोह की...
ऐसे ही मन के विचारों को कविता में बाँधा है, जो छू जाये मन को,ऐसा लक्ष्य साधा है। ऐसे ही मन के विचारों को कविता में बाँधा है, जो छू जाये मन को,ऐसा लक्ष्य साधा है।
मित्र मेरे ! मित्र मेरे !